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प्रश्न – ‘अ’ ने औषधि की एक बोतल को एक आलमारी में जहाँ पर फोटो चित्रण व्यापार के लिये विषैले घोल वाली कुछ अन्य बोतलें भी रखी हुई थीं सोने से पूर्व, मत्तता की अवस्था में रख दिया। ‘अ’ ने भूल से अपनी बीमार पत्नी को विषैला घोल दे दिया जिसके परिणामस्वरूप पत्नी की मृत्यु हो गई । ‘अ’ द्वारा, क्या अपराध, यदि कोई है, किया गया है ?

उत्तर – ‘अ’ ने औषधि की एक बोतल को मत्तता की हालत में ज़हरीले घोल वाली बोतलों के साथ रख दी और भूल से अपनी बीमार पत्नी को ज़हरीले घोल दे दिया और वह मर गयी। ‘अ’ पत्नी को मारने का कोई दुराशय नहीं रखता था । ऐसा कोई कार्य अपराध नहीं है जो दुराशय के बिना किया गया हो। ‘अ’ ने अपनी पत्नी को भूल से दवा की जगह ज़हरीला घोल दे दिया। धारा 76 के अनुसार कोई बात अपराध नहीं है, जो तथ्य की भूल के अधीन की जाये।

तथ्य की भूल क्षम्य है लेकिन इसके कुछ अपवाद भी हैं। कोई व्यक्ति उस स्थिति में तथ्य की भूल को प्रतिरक्षा के रूप में प्रस्तुत नहीं कर सकता जब उत्तरदायित्वपूर्ण जाँच-पड़ताल के बाद उसे सही तथ्यों का ज्ञान हो सकता था। प्रस्तुत समस्या में ‘अ’ ने दवा के बारे में जाँच-पड़ताल किये बिना औषधि की शीशी की जगह ज़हरीला घोल दिया। उसका कार्य लापरवाही का था । दवा देते समय वह मत्तता में भी नहीं था। उसका कार्य सद्भावपूर्वक भी नहीं कहा जा सकता क्योंकि दवा देते समय वह सम्यक् सतर्कता और सावधानी नहीं बरती।

इसीलिए ‘अ’ ने गैर इरादतन हत्या का अपराध किया है और वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा 304 पैरा (2) के अधीन दण्डनीय होगा।

Question-

‘A’ kept the bottle of medicine in a shelf where some other bottles containing poisonous solution for photography business were also kept in state of drunkenness, before going to bed, ‘A’ mistakenly gave his ailing wife the poisonous solution, as a result of which wife died. What offence if : * any has been committed by ‘A’?
Answer- ‘A’, in a state of intoxication, kept a bottle of medicine with the bottles containing the poisonous solution and by mistake administered the poisonous solution to his sick wife and she died. ‘A’ had no intention of killing his wife. No such act is an offense which is done without mala fide. A mistakenly gave poisonous solution to his wife instead of medicine. According to section 76, nothing is an offense which is done under a mistake of fact.

Mistakes of fact are forgivable but there are exceptions. A person cannot plead as a defense a mistake of fact in a situation when he could have known the true facts after responsible enquiry. In the present problem, ‘A’, without making any inquiry about the medicine, gave poisonous solution in place of the bottle of medicine. His act was negligent. He was not even in a state of intoxication while giving the medicine. Her act cannot even be said to be in good faith as she did not exercise due care and caution while giving the medicine.

Therefore ‘A’ has committed the offense of culpable homicide and is punishable under section 304 para (2) of the Indian Penal Code.

प्रश्न – अ’ औषधाची बाटली एका शेल्फमध्ये ठेवली जिथे फोटोग्राफी व्यवसायासाठी विषारी द्रावण असलेल्या इतर काही बाटल्याही मद्यधुंद अवस्थेत ठेवल्या होत्या, झोपण्यापूर्वी ‘अ’ने चुकून आपल्या आजारी पत्नीला विषारी द्रावण दिले, परिणामी पत्नीचा मृत्यू झाला. ‘अ’ने कोणता गुन्हा केला असेल तर?
उत्तर – ‘अ’ ने नशेच्या अवस्थेत औषधाची बाटली विषारी द्रावण असलेल्या बाटल्यांसोबत ठेवली आणि चुकून आजारी पत्नीला विषारी द्रावण दिले आणि तिचा मृत्यू झाला. ‘अ’चा पत्नीला मारण्याचा कोणताही हेतू नव्हता. अशा प्रकारचे कोणतेही कृत्य हा गुन्हा नाही जो दुर्भावनाशिवाय केला जातो. ‘अ’ने औषधाऐवजी पत्नीला चुकून विषारी द्रावण दिले. कलम 76 नुसार, काहीही हा गुन्हा नाही जो चुकीच्या कारणास्तव केला जातो.

वस्तुस्थितीतील चुका क्षम्य आहेत परंतु अपवाद आहेत. एखादी व्यक्ती बचाव म्हणून वस्तुस्थितीची चूक मांडू शकत नाही, जेव्हा जबाबदार चौकशीनंतर त्याला खरे तथ्य कळू शकले असते. सध्याच्या समस्येत ‘अ’ने औषधाची कोणतीही चौकशी न करता औषधाच्या बाटलीच्या जागी विषारी द्रावण दिले. त्याचे कृत्य निष्काळजी होते. औषध देताना तो नशेच्याही अवस्थेत नव्हता. औषध देताना तिने योग्य ती काळजी आणि सावधगिरी बाळगली नाही म्हणून तिचे कृत्य सद्भावनेचे आहे असे म्हणता येणार नाही.

म्हणून ‘A’ ने दोषी मनुष्यवधाचा गुन्हा केला आहे आणि तो भारतीय दंड संहितेच्या कलम 304 पॅरा (2) अंतर्गत शिक्षापात्र आहे.

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